आरबीआई ने सीआरआर 0.75 फीसदी से घटाने का ऐलान किया है। हमरी सरकार उत्तर प्रदेश
की हर के
बाद कुछ इज़्ज़त
बचाने के लिए
ये सारे कदम
उठा रही हे.
उन्हे पता हे
की अगर सरकार
ने ये नही
किया तो आने
वाले वक़्त मे
सरकार का जाना
तय हे.
हालाकी सी आर
आर गठने से
मार्केट मे सॉर्ट
टर्म मे थोड़ी
लिक्विडिटी बढ़ेगी लेकिन जब
तक इंटररेस्ट रेट
नही घटेंगे तब
तक लोंग टर्म
के लिए लिक्विडिटी
लाना मुस्किल हे.
और इस रिसेशन
के दौर मे
जब क्रूड आयिल
$124 हो गया हे
सरकार का इंटेरेस्ट
रेट कम करना
मुस्किल लग रहा
हे. बैंकों ने आरबीआई से 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया हुआ है। एडवांस टैक्स
चुकाने के लिए बैंकों को और 7000 करोड़ रुपये की जरूरत थी। और देश
की फिस्कल डिफीसिट
देखते हुए सरकार
और टॅक्स रेट
बढ़ा सकती हे
इस लिहाज़ से
बजेट के बाद
मार्केट पीछे की
और रुख़ करेंगे
ये अंदाज़ा लगाया
जा सकता हे.
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